गलत राह पर जाने से बच्चों को कैसे रोकें
गलत राह पर जाने से बच्चों को कैसे रोकें
गेम की लत में हैकिग का यह पहला बड़ा मामला है , लेकिन इससे पहले भी विडियो गेम्स की लत के काफी बुरे परिणाम सामने आये है | कुछ ने माता -पिता के हजारों -लाखों में पैसे उड़ा दिए , कुछ ने परिवार को ही ख़त्म कर दिया , तो कुछ ने खुद को|
बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत इतनी बढ़ गयी है कि वो इसके लिए कुछ भी करने को तैयार है | इससे उनकी सोच और बर्ताव पर भी असर पड़ रहा है |
इस समय भारत की 41 फीसदी आवादी जो 20 साल से कम उम्र की है ,ऑनलाइन गेम्स की आदी बन चुकी है |
2018में ऑनलाइन गेम खेलने वाले बच्चों और किशोरों की संख्या 26.90 करोड़ थी वही 2022 के अंत तक ये आंकड़ा 51 करोड़ को भी पार कर सकता है|
बच्चों में बढ़ रही तनाव डिप्रेशन की शिकायत
ऑनलाइन गेम की लत में पड़ने वाले बच्चों में तनाव और डिप्रेशन की शिकायत बढ़ रही है क्योकि वे गेम में इतना उलझ जाते है कि उससे उबार ही नहीं पाते | एक रिपोर्ट के अनुसार 87 प्रतिशत लोग ये मान रहे है कि ऑनलाइन गेम के माध्यम से वो डिप्रेशन के शिकार हुए है |वही मारधाड़ और शूटिंग वाले गेम ज्यादा लोकप्रिय है जिसके कारण बच्चों में बहुत मानसिक तनाव बना रहता है | यहाँ तक कि वो खाना -पीना भी भूल जाते है , उनका सारा ध्यान बस वही लगा रहता है | कई विशेषज्ञ यह भी बताते है कि बच्चों ,किशोरों और व्यस्को में गेम कि लत से हिंसक प्रवृति बढ़ रही है | कुछ मामलों में मोबाइल वापस ले लिए जाने से बच्चे गहरे अवसाद में चले जाते है |
कौन -से शहर ज्यादा प्रभावित
भारत के प्रमुख गेमिंग प्लेटफार्म में से एक मोबाइल प्रीमियर लीग ने 2021 में एक रिपोर्ट जारी की जिसमे ये बताया गया कि राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा ऑनलाइन गेम खेलने वाले बच्चे है | वही दुसरे नंबर पर जयपुर ,तीसरे पर पुणे ,चौथे पर लखनऊ और पांचवे पर पटना शहर है | इसमें हैरान करने वाली बात ये थी कि शीर्ष 5 शहरों में मुंबई ,कोलकाता ,चेन्नई जैसे कई बड़े महानगर नहीं थे |
बच्चों को समय दें और बाहर घुमाने ले जाएँ
कुछ अध्ययनों के मुताविक यदि कोई भी व्यक्ति एक ही जगह घंटों समय बिताता है तो यह डीप वें थ्र्म्बोसिस के खतरे को बढ़ा देता है |यदि बच्चा एक ही स्थान पर लगातार बैठकर पढाई कर रहा है या टीवी भी देंख रहा है तो उसे किसी न किसी बहाने से हर घंटे जगह से उठाये | उसे सैर पर ले जाएँ या घर के किसी काम में मदद लें | इस बहाने वह लगातार बैठे रहने से बचेगा और मोटापा जैसी स्वास्थ्य समस्या भी नही होगी | मोबाइल व लैपटॉप से भी ऐसे ही दूर करें |
हर छोटी से छोटी बात का रखे ख्याल
बच्चों के समय और हर जरुरत का ख्याल रखे | कोशिश करें कि बच्चे को मोबाइल की जरुरत ही न पड़े और अगर पड़ भी रही है तो ब्राउजर और मोबाइल की हिस्ट्री में जाकर ये जरुर जाँच लें कि बच्चा क्या -क्या सर्च कर रहा है | यदि वो गेम खेल रहा है तो उसे अचानक से डांटने के बजाय समझाने का प्रयास करें |
बच्चों के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करें और कोशिश करें कि उनके साथ दोस्त वाले सम्बन्ध स्थापित कर पायें जिससे बच्चों को समझा -बुझाकर गेम की लत से दूर रखा जा सके |
अभिभावक भी मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल न करें क्योकि बच्चा भी वही सीखता है जो वह अपने आस -पास देंखता है |
अगर अपना मोबाइल बच्चे को दे रहे है तो सरे गेम डिलीट करके प्ले स्टोर में चाइल्ड लॉक लगायें | इससे कोई भी एप डाउनलोड नहीं कर पायेगा |इसमें आज जो भी पासवर्ड सेट कर रहे है बच्चे से साझा न करें |
मोबाइल में सोशल मिडिया एप न रखे अगर रखते है तो हर एप में fingarprint लॉक रखे \अपना एटीम और उसका पिन कोड भी उनसे साझा न करें |पढाई के लिए अलग से मोबाइल दें |
कुछ गेम्स देश में बैन हो चुके है लेकिन उन्हें वीपीएन के माध्यम से खेल सकते है | इसलिए सतर्क रहे |
बच्चे ऑनलाइन कई तरह के लोगों से जुड़े होते है जिनसे उन्हें तरह-तरह की जानकारियां मिलती रहती है |वे किस्से बात कर रहे है और क्या बात कर रहे है इसका ध्यान भी आपको रखना है |
कैसे जाने लत है या मनोरंजन
बच्चा मोबाइल और कंप्यूटर पर ज्यादा समय गुजारने लगेगा |
उसकी नियमित गतिविधियों में बदलाव आएगा | परिवार और दोस्तों से खुद को अलग कर लेगा | सिर्फ ऑनलाइन दोस्तों तक सीमित रहेगा | पढाई और काम प्रभावित होंगे | नींद प्रभावित होगी यदि सोता है तो ऑनलाइन गेम्स या एप्लीकेशन के सपने देंखेगा |
गेम खेलने से मना करने पर गुस्सा करेंगा |बहस करने के बावजूद खेलना बंद नहीं करेंगा | बच्चा उल्टे जवाब भी देगा हाथापाई भी कर सकता है |
मुलभुत जानकारी रखें
बच्चे तकनीक का इस्तेमाल अधिक करते है इसलिए उससे जुडी मूलभूत जानकारी अभिभावक अवश्य रखे | कौन से गेम्स खतरनाक है जैसे कि पब्जी ,फ्री फायर ,ब्लू व्य्हेल ,पासआउट चैलेंजे आदि , इसकी जानकारी रखे | गेम से सम्बंधित होने वाली घटनाओं से भी अवगत रहे ,ताकि बच्चे की गतिविधियाँ पर ध्यान दिया जा सके |
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