इंटरनेट तथा इसकी सेवाएँ
इंटरनेट तथा इसकी सेवाएँ
internet and its services
इंटरनेट का पूरा नाम इंटरनेशनल नेटवर्क है ,जिसे वर्ष 1950 में विन्ट कर्फ ने शुरू किया ,इन्हें इंटरनेट का पिता कहा जाता है | इंटरनेट नेटवर्को का नेटवर्क है ,जिसमे लाखों निजी व सार्वजानिक लोकल से ग्लोबल स्कोप वाले नेटवर्क होते है | सामान्यत: नेटवर्क दो या दो से अधिक कंप्यूटर सिस्टमो को आपस में जोड़कर बनाया गया एक समूह है |
इंटरनेट पर उपलव्ध डाटा प्रोटोकॉल द्वारा नियंत्रित किया जाता है |TCP /IP प्रोटोकॉल द्वारा एक फाइल को कई छोटे भागों में फाइल सर्वर द्वारा बाँटा जाता है ,जिन्हें पैकेट्स कहते है |
इंटरनेट पर सभी कंप्यूटर आपस में इसी प्रोटोकॉल का प्रयोग करके वार्तालाप करते है | इंटरनेट के माध्यम से लाखों व्यक्ति सूचनाओं ,विचारों ,ध्वनि ,विडियो क्लिप इत्यादि को कंप्यूटर के द्वारा पूरी दुनिया में एक -दुसरे के साथ शेयर कर सकते है |
इंटरनेट का इतिहास
वर्ष 1969 में लांस एंजिल्स में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया तथा यूनिवर्सिटी ऑफ युटा अरपानेट की शुरुआत के रूप में जुड़ी | इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य विभिन्न विश्वविधालयों तथा अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के computers को आपस में जोड़ना था | यह दुनिया का पहला पैकेट स्विचिंग नेटवर्क था |
1980 के दशक के मध्य एक और संघीय एजेंसी राष्ट्रीय विज्ञानं फाउंडेशन ने एक नया उच्च क्षमता वाला नेटवर्क NSFnet बनाया ,जो ARPANET से अधिक सक्षम था | NSFnet में केवल यही कमी थी कि यह अपने नेटवर्क पर केवल शैक्षिक अनुसन्धान की ही अनुमति डेटा था ,किसी भी प्रकार के निजी व्यापार की अनुमति नहीं डेटा था | इसी कारण निजी संगठनों तथा लोगों ने अपने स्वंय के नेटवर्क का निर्माण करना शुरू कर दिया ,जिसने बाद में ARPANET तथा NSFnet से जुड़कर इंटरनेट का निर्माण किया |
इंटरनेट के लाभ
- दुसरे व्यक्तियों से आसानी से संपर्क बनाने की अनुमति देता है |
- इंटरनेट पर डॉक्यूमेंट को प्रकाशित करने पर पेपर इत्यादि की बचत होती है |
- यह कंपनियों के लिए कीमती संसाधन है ,जिस पर वे व्यापार का विज्ञापन तथा लेन -देन भी कर सकती है |
- एक ही जानकारी को कई बार एक्सेस करने के बाद उसे पुन: सर्च करने में कम समय लगता है |
इंटरनेट की हानियाँ
- कंप्यूटर में वायरस के लिए इंटरनेट सर्वाधिक उत्तरदायी है |
- इंटरनेट पर भेजे गए संदेशों को आसानी से चुराया जा सकता है |
- इंटरनेट पर बहुत -सी जानकारी जांची नहीं जाती जो गलत या असंगत भी हो सकती है |
- अनैच्छिक तथा अनुचित डॉक्यूमेंट /तत्व कभी -कभी गलत लोगों द्वारा इस्तेमाल कर लिए जाते है |
- Cyber fraud क्रेडिट /डेबिट कार्ड की समस्त जानकारी को चुराकर उसे गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकते है |
इंटरनेट कनेक्शन्स
बैंडविड्थ व कीमत इन दो घटकों के आधार पर ही कौन -से इंटरनेट कनेक्शन को उपयोगिता में लाना है ,यह सर्वप्रथम निश्चित किया जाता है | इंटरनेट की गति बैंडविड्थ पर निर्भर करती है |
इंटरनेट एक्सेस के लिए कुछ इंटरनेट कनेक्शन निम्न प्रकार है
डायल -अप कनेक्शन
डायल -अप पूर्व उपस्थित टेलीफ़ोन लाइन की सहायता से इंटरनेट से जुड़ने का एक माध्यम है |
जब भी उपयोगकर्ता डायल -अप कनेक्शन को चलाता है ,तो पहले मॉडेम इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर का फ़ोन नंबर डायल करता है |जिसे डायल-अप कॉल्स को प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है व फिर ISP कनेक्शन स्थापित करता है ,जिसमे सामान्य रूप से दस सेकंड लगते है | सामान्यत: शब्द ISP उन कंपनियों के लिए प्रयोग किया जाता है ,जो उपयोगकर्ता को इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करती है |इसकी स्थानान्तरण गति 56 Kbit /s है |
ब्रांडबैण्ड कनेक्शन
ब्राण्डबैण्ड का इस्तेमाल हाई स्पीड इंटरनेट एक्सेस के लिए सामान्य रूप से होता है | यह इंटरनेट से जुड़ने के लिए टेलीफ़ोन लाइनों को प्रयोग करता है |
ब्राण्डबैण्ड उपयोगकर्ता को डायल -अप कनेक्शन से तीब्र गति पर इंटरनेट से जुड़ने की सुविधा प्रदान करता है |इसकी स्थानान्तरण गति 256 Kbit /s है | ब्रांडबैण्ड में विभिन्न प्रकार की हाई स्पीड संचरण तकनीकें भी सम्मिलित है ,जो निम्न प्रकार है |
1.डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन
यह एक लोकप्रिय ब्रांडबैंड कनेक्शन है ,जिसमे इंटरनेट एक्सेस डिजिटल डाटा को लोकल टेलीफोन नेटवर्क के तारों द्वारा संचरित किया जाता है |यह डायल -अप सेवा की तरह ,किन्तु उससे अधिक तेज गति से कार्य करता है | इसके लिए DSL मॉडेम की आवश्यकता होती है ,जिससे टेलीफ़ोन लाइन तथा कंप्यूटर को जोड़ा जाता है |इसकी स्थानान्तरण गति 256 K bit /s है |
2.केबल मॉडेम
इसके अंतर्गत केबल ऑपरेटर्स कोयक्कसियल केबल के माध्यम से इंटरनेट इत्यादि की सुविधाएँ भी प्रदान कर सकते है | इसकी ट्रांसमिशन गति 1.5 Mbps या इससे भी अधिक हो सकती है |
3.ब्राण्डबैण्ड ओवर पावर लाइन
निम्न तथा मध्यम वोल्टेज के इलेक्ट्रिक पावर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क पर ब्राण्डबैण्ड कनेक्शन की सर्विस को ब्राण्ड बैण्ड ओवर पावर लोने कहते है |इसकी स्थानान्तरण गति 3 Mbps तक होती है | यह उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है , जहाँ पर पावर लाइन के अतिरिक्त कोई और माध्यम उपलब्ध नहीं होता ,जैसे -ग्रामीण क्षेत्र इत्यादि |
वायरलैस कनेक्शन
वायरलैस ब्राण्डबैण्ड ग्राहक के स्थान और सर्विस प्रोवाइडर के बीच रेडियो लिंक का प्रयोग करके घर या मॉडेम इत्यादि की आवश्यकता नहीं होती व इसका प्रयोग हम किसी भी क्षेत्र में ,जहाँ DSL व केबल इत्यादि नहीं पहुँच सकते ,कर सकते है | इंटरनेट को हम निम्न तरीको से वायरलैस से जोड़ सकते है |
1. वायरलैस फिडेलिटी
यह एक विश्वव्यापी वायरलैस तकनीक है , जिसमे रेडियो आवृतियों को डाटा ट्रांसफर करने में प्रयोग किया जाता है | wi -fi केबल या तारों के बीना ही उच्च गति से इंटरनेट सेवा प्रदान करती है | इसका प्रयोग हम रेस्टोरेंट ,कॉफी शॉप ,होटल ,एयरपोर्ट्स ,और सिटी पार्को इत्यादि में कर सकते है |
2. वर्ल्ड वाईड इन्टरओपरेबिलीटी फॉर माइक्रोवेव एक्सेस
सिस्टम आवासीय तथा इन्टरप्राइजेज ग्राहकों को इंटरनेट की सेवाएँ प्रदान करने के लिए बनाया गया है | यह वायरलैस मैक्स तकनीक पर आधारित है | वाईमैक्स मुख्यत:बड़ी दूरियों व ज्यादा उपयोगकर्ता के लिए wi -fi की भांति ,किन्तु उससे भी ज्यादा गति से इंटरनेट सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयुक्त होता है | WiMax को WiMax forum ने बनाया था ,जिसकी स्थापना जून 2001 में हुई थी |
3.मोबाइल वायरलैस ब्राण्डबैण्ड सर्विसेज
ब्राण्डबैण्ड सेवाएँ मोबाइल व टेलीफ़ोन सर्विस प्रोवाइडर से भी उपलब्ध है | इस प्रकार की सेवाएँ सामान्य रूप से मोबाइल ग्राहकों के लिए उचित होती है | इससे प्राप्त होने वाली गति बहुत कम होती है |
इन्हें भी जाने
इंट्रानेट
एक संगठन के अंतर्गत निजी कंप्यूटर नेटवर्क का समूह इंट्रानेट कहलाता है | इंट्रानेट डाटा साझा करने की क्षमता तथा संगठन के कर्मचारियों के समग्र ज्ञान को बेहतर बनाने के लिए नेटवर्क प्रौधोगिकी के प्रयोग द्वारा व्यक्तियों या व्यक्तियों के समूह के बीच संचार की सुविधा को आसान करता है |
एक्सट्रानेट
एक्सट्रानेट एक निजी नेटवर्क है जो सुरक्षित रूप से विक्रेताओं भागीदारों ,ग्राहकों या अन्य व्यवसायों के साथ व्यापार की जानकारी साझा करने के लिए इंटरनेट प्रौधोगिकी तथा सार्वजानिक दूरसंचार प्रणाली का उपयोग करता है |
इन्टरकनैक्टिंग प्रोटोकॉल्स
प्रोटोकॉल नियमों का वह सेट है ,जो डाटा कम्युनिकेशन्स की देखरेख करता है | कुछ प्रोटोकॉल निम्न प्रकार है
1.ट्रांसमिशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल /इंटरनेट प्रोटोकॉल
यह कनेक्टिविटी (जिसमे डाटा की फोर्मटिंग ,एड्रेसिंग संचरण के रूट्स और इसे प्राप्त करने की विधि इत्यादि सम्मिलित है )प्रदान करता है | TCP /IP का पूर्ण विवरण निम्न प्रकार है |
(अ) TCP
यह सन्देश को प्रेषक के पास ही पैकेटों के एक सेट में बदल देता है ,जिसे प्राप्तकर्ता के पास पुन: इकठ्ठा कर सन्देश को वापस प्राप्त कर लिया जाता है |इसे कनेक्शन ओरिएंटेड प्रोटोकॉल भी कहते है |
(ब ) IP
इंटरनेट पर प्रत्येक होस्ट कंप्यूटर का एक अन्य आईपी एड्रेस होता है | यह विभिन्न computers को नेटवर्क स्थापित करके आपस में संचार करने की अनुमति प्रदान करता है |
आईपी एड्रेस का फॉर्मेट 32 bit का होता है |एक IP एड्रेस में चार नंबर होते है ,प्रत्येक नंबर में एक से तीन अंक होते है | प्रत्येक नंबर या अंकों के समूह को डॉट (.) द्वारा अलग किया जाता है |प्रत्येक चार नंबर 0 से 255 के बीच हो सकते है |
उदाहरण 193 .167 .13.1
2. फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल
इस प्रोटोकॉल के द्वारा इंटरनेट उपयोगकर्ता अपने computers से फाइल्स को विभिन्न वेबसाइटो पर अपलोड कर सकते है या वेबसाइटसे अपने पीसी में डाउनलोड कर सकते है |FTP सॉफ्टवेयर के उदाहरण है -filezilla ,kasablanca ,gFTP ,konqueror इत्यादि
3.हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल
यह इस बात को सुनिश्चित करता है कि संदेशों को किस प्रकार फॉर्मेट व संचरित किया जाता है व विभिन्न कमांडों के रिस्पांस में वेब सर्वर तथा ब्राउजर क्या कार्य करेंगे |
HTTP एक स्टेटलेस प्रोटोकॉल है ,क्योकि इसमें प्रत्येक निर्देश स्वत्रंत होकर क्रियान्वित होता है |
इन्हें भी जाने
हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (HTML )
इसका प्रयोग वेब पेजों के डिजाईन बनाने में होता है |मार्कअप लैंग्वेज ,मार्कअप टैग का एक सेट होता है ,जो वेब ब्राउजर को यह बताता है कि वेब पेज पर शब्दों ,images इत्यादि को उपयोगकर्ता के लिए किस प्रकार प्रदर्शित करना है |
4.टेलनेट प्रोटोकॉल
टेलनेट सेशन वैध यूजरनेम तथा पासवर्ड को प्रवृष्टि करने पर शुरू हो जाता है | यह एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है ,जिसमे वर्चुअल कनेक्शन का इस्तेमाल करके द्विदिशीय टेक्स्ट ओरिएंटेड कम्युनिकेशन को लोकल एरिया नेटवर्क पर प्रदान किया जाता है |
5.यूजनेट प्रोटोकॉल
इसके अंतर्गत कोई केन्द्रीय सर्वर या एडमिनिस्ट्रेटर नहीं होता |इस सेवा के अंतर्गत इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का एक समूह किसी भी विशेष विषय पर अपने विचार /सलाह आदि का आपस में आदान -प्रदान कर सकता है |
6.पॉइंट -टू -पॉइंट प्रोटोकॉल
यह एक डायल अकाउंट है ,जिसमे कंप्यूटर को इंटरनेट पर सीधे जोड़ा जाता है |इस आकार के कनेक्शन में एक मॉडेम की आवश्यकता होती है ,जिसमे डाटा को 9600 बिट्स ,/सेकंड से भेजा जाता है |
7.वायरलैस एप्लीकेशन प्रोटोकॉल
वैप ब्राउजर मोबाइल डिवाइसों में प्रयोग होने वाले वेब ब्राउजर है | यह प्रोटोकॉल वेब ब्राउजर को सेवाएँ प्रदान करता है |
8.वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल
यह IP नेटवर्कों पर ध्वनि संचार का वितरण करने में प्रयोग होता है |
9.पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल वर्जन
यह एक इंटरनेट स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल है ,जिसका प्रयोग TCP /IP कनेक्शन पर लोकल ई -मेल प्राप्त करने के लिए किया जाता है |
इंटरनेट से सम्बंधित पद
1. वर्ल्ड वाईड वेब
वर्ल्ड वाइड वेब एक सिंगल इंटरफेस पर कई इंटरनेट प्रोटोकॉल्स एक्सेस करने के लिए हाइपर टेक्स्ट और मल्टीमीडिया का समर्थन करने वाला एक इंटरनेट सर्वर है |इसे वेब या wwwभी कहा जाता है | यह 13 मार्च 1989 को टीम बर्नर्स ली द्वारा प्रस्तावित किया गया था |
2. वेब पेज
वेब बहुत सारे कंप्यूटर डाक्यूमेंट्स या वेब पेजों का संग्रह है |ये डाक्यूमेंट्स HTML में लिखे जाते है तथा वेब ब्राउजर द्वारा प्रदर्शित किये जाते है |ये दो प्रकार के होते है -स्टैटिक तथा डायनामिक स्टैटिक वेब पेज हर बार एक्सेस करने पर एक ही कंटेंट दिखाते है तथा डायनामिक वेब पेज के कंटेंट हर बार बदल सकते है |
नोट - बुकमार्क वेब पेज का लिंक है ,जो कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएँ भविष्य में प्रयोग के लिए स्टोर करता है |यह आपके फेवरेट फोल्डर में एड्रेस स्टोर रखता है |
3. वेबसाइट - एक वेबसाइट वेब पेजों का संग्रह होता है ,जिससे सभी वेब पेज हायपरलिंक द्वारा एक-दुसरे से जुड़े होते है |किसी भी वेबसाइट का पहला पेज होमपेज कहलाता है |
4.वेब ब्राउजर - वेब ब्राउजर एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है ,जिसका प्रयोग वर्ल्ड वाइड वेब के कंटेंट को ढूंढने ,प्रदर्शित करने में होता है |विंडोज कीबोर्ड पर F11 कुंजी अधिकांश ब्राउजर में पूर्ण स्क्रीन मोड पर सेट हो जाती है |
ये प्राय : दो प्रकार के होते है
(अ ) टेक्स्ट वेब ब्राउजर
इस वेब ब्राउजर में टेक्स्ट आधारित सूचना दोनों को प्रदर्शित किया जाता है ,जैसे -linux ,जो केवल टेक्स्ट मोड़ में इंटरनेट को एक्सेस प्रदान करता है|
(ब ) ग्राफिकल वेब ब्राउजर
यह टेक्स्ट तथा ग्राफिक सूचना दोनों को सपोर्ट करता है ,जैसे -mozilla firefox ,google ,chrome ,netscape ,internet इत्यादी |पहला ग्राफिकल वेब ब्राउजर NCSA मोजोइक था |
नोट
कूकी एक छोटा सन्देश है ,जो वेब सर्वर द्वारा वेब ब्राउजर को दिया जाता है |ब्राउजर सन्देश को हार्ड ड्राइव की टेक्स्ट फाइल में संगृहित करता है |
5. वेब सर्वर
यह एक कंप्यूटर प्रोग्राम है ,जो HTML पेजों या फाइल की जरूरतों को पूरा करता है |वेब क्लाईणट उपयोगकर्ता से सम्बंधित प्रोग्राम है |
प्रत्येक वेब सर्वर ,जो इंटरनेट से जुड़ा होता है ,उसका एक अद्वितीय एड्रेस होता है ,जिसे IP एड्रेस कहते है |
6.वेब एड्रेस तथा URL
इंटरनेट पर वेब एड्रेस किसी विशिष्ट वेब पेज की लोकेशन को पहचानता है | वेब एड्रेस को URL भी कहते है |URL इंटरनेट से जुड़े होस्ट कंप्यूटर पर फाइलों के इंटरनेट एड्रेस को दर्शाते है |टिम बर्नर्स ली ने वर्ष 1991 में पहला URL बनाया ,जो वर्ल्ड वाइड वेब पर हाइपरलिंक को प्रकाशित करने में इस्तेमाल होता है |
7.डोमेन नेम
डोमेन नेम नेटवर्क संसाधनों का एक समूह है ,जिसे उपयोगकर्ताओं के समूह को असाइन किया जाता है |डोमेन नेम इंटरनेट पर जुड़े हुए computers को पहचानने व लोकेट करने के काम में आता है | डोमेन नेम सदैव अद्वितीय होना चाहिए |इसमें हमेशा डॉट द्वारा अलग किये गए दो या दो से अधिक भाग होते है |
डोमेन संगठनों तथा देशों के प्रकार द्वारा व्यवस्थित किये जाते है | डोमेन नेम में अंतिम भाग संगठन या देश के प्रकार को अंकित करता है |
सामान्यत : यदि डोमेन नेम के अंतिम भाग में तीन अक्षर है ,तो वह संगठन को दर्शाता है तथा दो अक्षर है तो वह देश को दर्शता है
संगठन के कुछ प्रमुख डोमेन नेम निम्न है
.info-international organigation
.com -commercial
gov-government
edu-education
.mil-militry
.net-network resource
.org-non-profit orgenisation
देशों के लिए कुछ प्रमुख डोमेन नेम निम्न है
.in -india
.au-australia
.fr-france
.nz-new zealand
.uk-united kingdom
डोमेन नेम सिस्टम
यह डोमेन नेम को आई पी एड्रेस में अनुवादित करता है | सर्वर्स को पहचानने के लिए डोमेन नेम सिस्टम का प्रयोग होता है |सर्वर्स की एड्रेसिंग नम्बरों पर भी आधारित होती है |
8.ब्लॉग्स
यह एक वेब पेज या वेबसाइट होती है , जिसमे किसी व्यक्ति विशेष की राय ,दूसरी साईंटो के लिंक नियमित रूप से रिकॉर्ड होते है |किसी भी सामान्य ब्लॉग में टेक्स्ट ,इमेज व अन्य ब्लॉगों ,वेब पेजों या किसी अन्य टॉपिक से सम्बंधित मिडिया के लिंक होते है |
9. न्यूज़ग्रुप्स
यह एक ऑनलाइन डिस्कशन ग्रुप होता है ,इसके अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक बुलेटिन बोर्ड सिस्टम तथा चैट सेशन्स के द्वारा बातचीत करने की अनुमति प्रदान की जाती है |एक न्यूज़ग्रुप यूज़नेट के माध्यम से सुलभ एक ऑनलाइन डिस्कशन फोरम है ,जो एक विशिष्ट विषय की चर्चा के लिए समर्पित है |
10. सर्च इंजन
सर्च इंजन इंटरनेट पर किसी भी विषय के बारे में सम्बंधित जानकारियों के लिए प्रयोग होता है |यह एक प्रकार की ऐसी वेबसाइट होती है ,जिसके सर्च बार में किसी भी टॉपिक को लिखते है ,जिसमे सम्बंधित सभी जानकारियाँ प्रदर्शित हो जाती है |गूगल सर्च इंजन पर किसी तथ्य को सर्च करना गूगलिंग कहलाता है |
इनमे से कुछ निम्नलिखित है
google -http://www.google.com
yahoo-http://www.yahoo.com
altavista-http://www.altavista.com
lycos-http://www.lycos.com
नोट - प्रोजेक्ट लुन गूगल द्वारा उच्च दृष्टिकोण वाले हीलियम से भरे गुब्बारों का उपयोग करके ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट उपलब्धता प्रदान करने के लिए एक सर्च इंजन प्रोजेक्ट है |
इंटरनेट सेवाएँ
इंटरनेट से उपयोगकर्ता कई प्रकार की सेवाओं का लाभ उठा सकता है ,जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक मेल ,मल्टीमीडिया डिस्प्ले ,शॉपिंग ,रियल टाइम ब्राडकासटिंग इत्यादि |
इनमे से कुछ महत्वपूर्ण सेवाएँ निम्न प्रकार है
1.चैटिंग
यह बड़े स्तर पर उपयोग होने वाली टेक्स्ट आधारित संचार है ,जिससे इंटरनेट के द्वारा आपस में बातचीत कर सकते है |इसके माध्यम से उपयोकर्ता इमेज ,विडियो ,ऑडियो इत्यादि भी एक दुसरे के साथ शेयर कर सकते है |
जैसे -skype ,yahoo इत्यादि |
2.ई-मेल
ई -मेल के माध्यम से कोई भी उपयोगकर्ता किसी भी अन्य व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सन्देश भेज सकता है तथा प्राप्त भी कर सकता है |ई -मेल को भेजने के लिए किसी भी उपयोगकर्ता का ई-मेल एड्रेस होना बहित आवयशक है ,जो विश्वभर में उस ई -मेल सर्विस पर अद्वितीय होता है |ई-मेल में SMTP का भी इस्तेमाल किया जाता है |ई-मेल में टेक्स्ट फॉर्मेट के विकल्प भी उपलब्ध होते है | ई-मेल एड्रेस छोटे अक्षरों के रूप में होता है |
ई -मेल एड्रेस में दो भाग होते है ,जो एक प्रतिक @द्वारा अलग होते है -पहला भाग यूजरनेम तथा दूसरा भाग डोमेन नेम होता है ;जैसे malumsa .com | यहाँ पर malumsa यूजरनेम तथा .comडोमेन नेम है |वेबमेल इंटरफेस ई -मेल क्लाइमेट के अतिरिक्त वेब ब्राउजर से ई-मेल भेजने और प्राप्त करने का एक तरीका है |
3.विडियो कांफ्रेंसिंग
इसके माध्यम से कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह किसी अन्य व्यक्ति या समूह के साथ दूर होते हुए भी आमने -सामने रहकर वार्तालाप कर सकते है |
इस कम्युनिकेशन में उच्च गति के इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है व इसके साथ एक कैमरे एक माइक्रो फ़ोन एक विडियो स्क्रीन तथा एक साउंड सिस्टम की भी जरुरत होती है |जैसे-ऑनलाइन ट्रेनिंग ,विडियो मीटिंग इत्यादि |कुछ विडियो कांफ्रेंसिंग एप्प निम्नलिखित है |
(अ ) जूम (zoom )
यह एक प्रोप्रिएत्री सॉफ्टवेयर है ,जो सितम्बर 2012 में जूम विडियो कम्युनिकेशन द्वारा डेवलप हुआ |यह विंडोज ,मैक OS ,iOS ,एंड्राइड ,क्रोम OS तथा linux के साथ संगत है |यह प्लेटफार्म एक बार में 100 प्रतिभागियों तक 40 मिनट समय सीमा के साथ विडियो कांफ्रेंस के लिए नि:शुल्क उपलब्ध है |
अधिक फीचर्स के साथ बड़े या लम्बे कांफ्रेंस के लिए सशुल्क सदस्यता उपलब्ध है ,जिसकी लागत $15 -20 प्रति माह है |उच्चतम प्लान 30 घंटे तक चलने वाली मीटिंग के लिए 1000 समवर्ती प्रतिभागियों का समर्थन करती है | जूम सुरक्षा सुविधओं में पासवर्ड प्रोटेक्शन मीटिंग यूजर ऑथेंटिकेशन ,वोटिंग रूम ,लॉक्ड मीटिंग आदि शामिल है |
(स ) गूगल मीट
यह 2017 में गूगल द्वारा डेवलप विडियो कम्युनिकेशन सेवा है | यह एंड्राइड iOS तथा वेब प्लेटफार्म पर चल सकती है | यह प्लेटफार्म 60 मिनट समय सीमा के लिए 100 प्रतिभागियों तक नि:शुल्क सेवा प्रदान कर सकती है |इसके पास एक विशेष समय पर स्क्रीन पर 16 व्यक्ति हो सकते है |सशुल्क वर्जन के लिए ,इसकी लागत $6 तथा $12 प्रति माह के मध्य हो सकती है |
(ब)माइक्रोसॉफ्ट टीम
यह एक प्रोपिएत्री बिजनेस कम्युनिकेशन प्लेटफार्म है ,जो 2017 में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा डेवलप हुआ |यह आसीमित संख्या में मीटिंग shedule करता है |यह विंडोज ,मैक OS ,iOS तथा एंड्राइड के साथ संगत है ,जो 53 भाषओं तथा 181 मार्केट में उपलब्ध है |
(द ) स्काइप (skype )
यह एक प्रोप्रियेत्री टेलीकम्युनिकेशन एप्लीकेशन है ,जो अगस्त 2003 में स्काइप टेक्नोलॉजी द्वारा डेवलप हुआ |
यह एप्प विंडोज ,मैक OS ,linux ,एंड्राइड ,iOS आदि के साथ संगत है |
स्काइप एकल विडियो कांफ्रेंस पर 50 से ज्यादा व्यक्तियों के साथ कांफ्रेंस करना चाहते है ,तो आपको सशुल्क सदस्यता खरीदने की आवश्यकता होगी |मीटिंग में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है |
4. ई -लर्निंग
इसके अंतर्गत कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षण ,इंटरनेट आधारित प्रशिक्षण ,ऑनलाइन शिक्षा इत्यादि सम्मिलित है ,जिसमे उपयोगकर्ता को किसी विषय पर आधारित जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रदान किया जाता है |इस जानकारी को वह किसी भी आउटपुट माध्यम पर देखकर स्वंय को प्रशिक्षित कर सकता है |
जैसे -unacademy ,tutorial point इत्यादि |
5.ई -बैंकिंग
इसके माध्यम से उपयोगकर्ता विश्वभर में कही से भी अपने बैंक अकाउंट को मैनेज कर सकता है |यह एक स्वचालित प्रणाली का अच्छा उदाहरण है ,जिसमे उपयोगकर्ता की गतिविधियों के साथ उसका बैंक अकाउंट भी मैनेज होता रहता है |
ई-बैंकिंग से किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर इंटरनेट की सहायता की जा सकती है | इसके मुख्य व व्यावहारिक उदाहरण है -बिल पेमेंट सेवा फण्ड ट्रांसफर ,रेलवे रिजर्वेशन ,शॉपिंग इत्यादि |
6.ई -शॉपिंग
इसे ऑनलाइन शॉपिंग भी कहते है ,जिसके माध्यम से उपयोगकर्ता कोई भी सामान जैसे -किताबे ,कपडे ,घरेलू सामान ,खिलौने ,हार्डवेयर ,सॉफ्टवेयर इत्यादि को खरीद सकते है |
इसमें खरीदे गए सामान की कीमत चुकाने के लिए कैश ऑन dilivery व ई-बैंकिंग का प्रयोग करते है |यह विश्वभर में कहीं से भी की जा सकती है | जैसे -नापतोल ,फ्लिप्कार्ट ,एब्बी,होमेशोप 18 इत्यादि |
7.ई-रिजर्वेशन
यह किसी भी वेबसाइट पर किसी भी वस्तु या सेवा के लिए स्वंय को या किसी अन्य व्यक्ति को आरक्षित करने के लिए प्रयुक्त होती है ,इसकी सहायता से उपयोगकर्ता को टिकट काउंटर पर खड़े रहकर प्रतीक्षा नहीं करनी होती |जैसे-रेलवे रिजर्वेशन में,एयरवेज में ,टिकट बुकिंग में ,होटल रूम्स की बुकिंग इत्यादि में |
8.सोशल नेटवर्किंग
यह एक ऐसी वेबसाइट है , जो समान रुचियों वाले लोगों को एक साथ सूचना ,इमेज और विडियो साझा करने की अनुमति देती है |यह इंटरनेट के माध्यम से बना हुआ सोशल नेटवर्क होता है |इसके माध्यम से उस सोशल नेटवर्क के अंतर्गत आने वाला कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से संपर्क रख सकता है |कुछ सोशल नेटवर्किंग साइट्स इस प्रकार है -facebook ,twitter ,whatsapp इत्यादि |
कुछ सामान्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स निम्नलिखित है
- लिंक्ड इन - इसकी स्थापना 2002 में रेड हॉफ मैन द्वारा की गयी थी | लिंक्ड इन एक अमेरिकी साइट है ,जो व्यापार और रोजगार ओरिएंटेड सेवाएँ प्रदान करती है |
- फेसबुक -यह दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट है ,जो जनवरी 2004 में लांच की गई |फेसबुक की स्थापना मार्क जुकरबर्ग एवं उनके मित्रों को जोड़ सकता है ,संदेशों का आदान -प्रदान कर सकता है ,सामान रूचि के ग्रुप बना सकता है |
- ट्विटर - इसकी स्थापना वर्ष 2006 में ,जैक डोरसी नूह ग्लास बिज स्टोन और इवान विलियम्स द्वारा की गई थी| यह एक अमेरिकन कंपनी है ,जो सोशल नेटवर्किंग सेवाएं प्रदान करती है |इसके अतिरिक्त यह ट्विटर ऑनलाइन समाचार भी प्रदान करता है |इस सोशल नेटवर्किंग साइट में उपयोगकर्ता केवल 280 शब्दों में अपने संदेशो को संप्रेषित कर सकते है ,जिसे ट्विट कहते है |
- instagram - यह एक फ्री ऑनलाइन फोटो शेयरिंग एप्लीकेशन और सोशल नेटवर्क प्लेटफार्म है ,जिसे 2012 में फेसबुक द्वारा अर्जित किया गया |इसे IG या इन्स्टा के रूप में भी जाना जाता है | instagram उपयोगकर्ता को मोबाइल एप्प के माध्यम से इमेज और विडियो को एडिट करने और अपलोड करने की अनुमति देता है |
10. एम -कॉमर्स - यह किसी भी वस्तु या सामान इत्यादि को वायरलैस कम्युनिकेशन के माध्यम से खरीदने तथा बेचने के लिए प्रयोग होता है |इसमें वायरलैस उपकरणों जैसे -मोबाइल ,टैबलेट इत्यादि का प्रयोग होता है |संक्षेप में जो कार्य ई-कॉमर्स के अंतर्गत होते है ,वही सब कार्य मोबाइल इत्यादि पर करने को एम -कॉमर्स कहते है |
Good
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